20 साल चला था इतिहास का सबसे भयानक युद्ध, 30 लाख लोगों की गई थी जान

यूं तो पूरी दुनिया में अनेकों युद्ध हुए हैं. चाहे आप विश्व युद्ध की बात करें या फिर दिव्तीय विश्व युद्ध. इनमें जर्मन के तानाशाह कहे जाने वाले हिटलर की शह पर न जाने कितने मासूमों को मौत के घाट उतारा गया, जिसका जिक्र आज भी इतिहास में किया जाता है. कहा जाता है कि हिटलर तानाशाह के बाद भी ऐसे भयानक युद्ध हुए हैं, जिनमें लाखों लोगों को मौत की नींद सुला दिया गया, वो भी एक या दो लाख नहीं.. बल्कि पूरे 30 लाख लोगों की युद्ध में बली दे दी गई. जी हां, अब आप अपने आप में ही सोच के देखिए कि यह कृत्य कितना भयानक होगा, अमानवीय होगा?. आज हम ऐसे ही युद्ध के इतिहास के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसकी लड़ाई निरंतर 20 साल चली, बता दें कि आज से करीब 65 साल पहले हुए वियतनाम युद्ध में कई सारे लोगों ने अपनी जान गवाई थी. वियतनाम युद्ध शीतयुद्ध काल में वियतनाम, लाओस और कंबोडिया की धरती पर लड़ी गई एक भयंकर लड़ाई का नाम है.

बता दें की इस भीषण युद्ध में एक तरफ चीनी जनवादी गणराज्य की सेना और अन्य साम्यवादी देशों से समर्थन प्राप्त उत्तरी वियतनाम की सेना थी तो दूसरी तरफ अमेरिका और मित्र देशों के साथ कंधे से कंधा मिला कर लड़ रही दक्षिणी वियतनाम की सेना. लगभग 20 साल तक चली यह लड़ाई साल 1955 में शुरू हुई थी, जो 1975 में जाकर खत्म हुई. यह युद्ध उत्तरी वियतनाम और दक्षिण वियतनाम की सरकार के बीच लड़ा गया था. इसे ‘द्वितीय हिंद-चीन युद्ध’ भी कहा जाता है.



इस युद्ध ने भयानक रूप तब ले लिया था जब लाओस जैसे छोटे से देश ने उत्तरी वियतनाम की सेना को अपनी धरती पर लड़ाई के लिए इजाजत दे दी. इससे अमेरिका पूरी तरीके से बौखला गया और उसे सबक सिखाने के लिए हवाई हमले की योजन भी बना ली. बताया जाता है कि अमेरिकी वायुसेना ने दक्षिण पूर्व एशिया के इस छोटे से देश लाओस पर इतने बम गिराए कि कहा जाता है कि लाओस का भविष्य बारूद के ढेर के नीचे दबा हुआ है.

हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1964 से 1973 तक अमेरिका ने लगभग 260 मिलियन यानी 26 करोड़ क्लस्टर बम वियतनाम पर दागे हुए थे, जो कि इराक के ऊपर दागे गए कुल बमों से 210 मिलियन यानी 21 करोड़ अधिक हैं.



कई लोगों का मानना है कि इस युद्ध में अमेरिका की हार हुई थी. हालांकि कई विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि 20 साल तक चले इस भीषण युद्ध में किसी की भी जीत नहीं हुई.

लेकिन आज भी इस युद्ध की बात होती है तो इतिहास में इसका नाम पहले पन्ने में आता है. चूंकि इतना भयंकर युद्ध शायद की दोबारा लड़ा गया हो. इस युद्ध में करीब 30 लाख लोगों की जान गई थी. जबकि 50 हजार से ज्यादा सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए.

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