सावन के महीने में भूलकर भी ना करें ये 10 काम, शिव जी हो जाएंगे नाराज

हिंदू धर्म में सावन महीने का काफी महत्व माना जाता है. इन पूरे महीनों में भगवान शिव की भक्ति में डूबकर सारे भक्त पूजा-आराधना करते हैं. सावन के सोमवारों का भी विशेष महत्व है. इस दिन कुंवारी लड़कियां भी भगवान शिव जी का व्रत करती हैं. माना जाता है कि सावन के महीने में व्रत करने से भगवान शिव के रूप में लड़कियों को अपना वर मिलता है. साथ ही व्यक्ति के जीवन से सारे कष्ट दूर होते हैं. बता दें कि इस बार 17 जुलाई से सावन महीने की शुरूआत हो रही है. इन दिनों भगवान शिव को खुश करने के लिए लोग हर दिन उन पर जल चढ़ाने के साथ रुद्राभिषेक भी करते हैं. जिसका लाभ भक्तों को मिलता है. लेकिन इन दिनों शास्त्रों की माने तो हमें कुछ काम ऐसे होते हैं जिन्हें नहीं करना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से व्यक्तियों को कई तरह की मुसीबतों को झेलना पड़ता है. साथ भगवान शिव के क्रोध रूप का भी सामना करना पड़ सकता है. आखिर वो काम कौन से हैं जिन्हें करने से आप मुसीबत में पड़ सकते हैं, तो चलिए आपको भी बताते हैं.

1- सावन के महीने में मांस-मदिरा से दूर रहें. इसके बारे में कई बार आपने अपने बड़ों से भी सुना होगा. इसलिए ऐसी चीजों का सेवन करने से सावन में बचना चाहिए. यदि घर में ऐसा कोई करता है, तो सावन का लाभ व्रत करने वाले को भी नसीब नहीं होता.
2- कहा जाता है कि सावन के महीने में बैंगनी और नीले रंग के कपड़ों को पहनने से बचना चाहिए. क्योंकि ये कलर नकारात्मक शक्तियों को बढ़ाते हैं. इतना ही नहीं ये रंग उग्र ग्रह को भी दर्शाते हैं.
3- इसके साथ ही सावन के महीनों में गन्ने का जूस और काली मिर्च का भी सेवन नहीं करना चाहिए. इसकी वजह भगवान शिव जी हैं. दरअसल माना जाता है कि उन्हें इन चीजों का सेवन करना बिलकुल पसंद नहीं हैं.

4- शास्त्रों की माने तो सावन के महीनों में सरसों का तेल भी नहीं लगाना चाहिए. क्योंकि सरसों का तेल भगवान शनि देव को चढ़ाया जाता है.
5- ध्यान रहे कि सावन के महीने में भूलकर भी भगवान शिव जी को हल्दी न लगाएं. ऐसा करने से आप खुद अपने जीवन में मुसीबतों को न्योता दे सकते हैं.
6- इस बारे में आपने कई लोगों से सुना होगा कि सावन के महीने में दाढ़ी नहीं बनवानी चाहिए. न ही बाल और नाखून काटने चाहिए. क्योंकि ये काम नकारात्मकता को दर्शाते हैं.
7- याद रहे कि सावन के महीने में दिन में नहीं सोना चाहिए. क्योंकि कहा जाता है कि सावन के पूरे महीने भोलेनाथ धरती पर विचरण करते हैं. इसलिए यदि व्यक्ति दिन में सो जाता है तो भगवान शिव का अपमान माना जाता है.
8- इसके साथ ही सावन के महीनों में भूलकर भी कांवर यात्रियों का अपमान न करें. क्योंकि ऐसे करने से आप खुद पर पाप का बोझ बढ़ा लेते हैं. यहां तक कि आपके बनते काम भी बिगड़ सकते हैं.
9- सावन के महीनों में अपशब्द भाषा का इस्तेमाल नहीं कपना चाहिए. खासकर जब आप भगवान शिव का व्रत कर रहे हों.
10- आखिरी और दसवीं बात आपके लिए महत्वपूर्ण है. दरअसल सावन के महीनों में अपने गुस्से पर काबू रखें. क्योंकि ऐसा करने से भोलेनाथ नाराज हो सकते हैं. इतना ही नहीं आपके व्रत का लाभ खत्म हो सकता है.
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