हरमंदिर साहिब सिखों का सबसे बड़ा धार्मिक स्थान है l यह वही स्थान है यहां गुरुओ ने अपना उपदेश दिया था और सिख धर्म का विकास भी किया था l हरमंदिर साहिब का निर्माण 16 शताब्दी मे शुरू करवाया गया था और यह 17 शताब्दी मे पूरा हुआ था l हरमंदिर साहिब आज देश की एक ऐतिहासिक धरोहर भी है l हरमंदिर साहिब धार्मिक एकता का भी प्रतिक है और यहां अलग अलग धर्म के लोग रोज आकर माथा टेकते है l
लेकिन क्या आपको पता है की हरमंदिर साहिब की नीव किसने रखी थी l ज्यादातर लोग यही सोचते है की हरमंदिर साहिब की नीव सिखों के किसी गुरु जी ने रखी होंगी जो की बिलकुल गलत है l आपको बताओ दे की हरमंदिर साहिब की नीव एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा रखी गयी थी जिनका नाम था साईं मिया मीर जी l
आपको बताओ दे की साईं मिया मीर जी एक महान मुस्लिम सूफ़ी संत थे जिन्होंने उस समय आपने विचारों से लोगों को काफ़ी ज्यादा प्रभावित किया था l लोग उनके शेर और कविताओं के दीवाने थे l साईं मिया मीर जी मूल रूप से लाहौर मे रहते थे l
एक बार सिखों के पांचवे गुरु अर्जुन देव जी लाहौर गए हुए थे और वहा उनकी मुलाक़ात साईं मिया मीर जी से हुई l गुरु अर्जुन देव जी साईं मिया मीर के विचारों से काफ़ी प्रभावित हुए और उन्होंने साईं जी को अमृतसर मे आकर हरमंदिर साहिब की नीव रखने का न्योता दिया l
गुरु जी के अनुरोध पर साईं मिया मीर जी अमृतसर आये और उन्होंने हरमंदिर साहिब की नीव का पहला पत्थर आपने हाथो से रखा l उस दिन के बाद से ही मिया मीर जी को सिख धर्म का संस्थापक माना जाने लगा l उनके इस काम से धार्मिक एकता को काफ़ी ज्यादा बढ़ावा मिला था
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