कैलाश पर्वत के 5 ऐसे रहस्य जिनके बारे में जानकर नासा भी हैरान रह गया था


भगवान शिव का निवास स्थान माने जाने वाले कैलाश पर्वत को भारत और चीन के लोग बहुत ज्यादा पूजनीय मानते है l कैलाश पर्वत हिमालय मे स्थित सबसे रहसयमई पर्वत है जिसके बारे मे आज भी बहुत से रहस्य बने हुए है l कैलाश पर्वत सदियों से दुनिया के आकर्षण का केंद्र रहे है और बहुत से वैज्ञानिक तो इस रिसर्च तक कर रहे है l आज हम आपको बताने जा रहे है कैलाश पर्वत के पांच सबसे बड़े रहस्य 

1.धरती का केंद्र - धरती के एक ओर उत्तरी ध्रुव है तो दूसरी ओर दक्षिणी ध्रुव। दोनों के बीचोबीच स्थित है हिमालय और हिमालय का केंद्र है कैलाश पर्वत। वैज्ञानिकों के अनुसार यह धरती का केंद्र है। कैलाश पर्वत दुनिया के 4 मुख्य धर्मों- हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख धर्म का केंद्र है।

2. पिरामिड नुमा आकार - कैलाश पर्वत एक विशालकाय पिरामिड है जो 100 छोटे पिरामिडों का केंद्र है। कैलाश पर्वत की संरचना कम्पास के 4 दिक् बिंदुओं के समान है और एकांत स्थान पर स्थित है, जहां कोई भी बड़ा पर्वत नहीं है।

3. शिखर पर नहीं चढ़ सका कोई - दुनिया के सबसे पर्वत माउंट एवरेस्ट पर कई लोग फतेह हासिल कर चुके है लेकिन आपको सायद ही पता होगा की कैलाश पर्वत दुनिया का एकलौता ऐसा पर्वत है जिसके शिखर पर आज तक कोई नहीं चढ़ पाया है l

4. पर्वत के पास रोशनी का चमकना - दावा किया जाता है कि कई बार कैलाश पर्वत पर 7 तरह की लाइटें आसमान में चमकती हुई देखी गई हैं। नासा के वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि हो सकता है कि ऐसा यहां के चुम्बकीय बल के कारण होता हो। यहां का चुम्बकीय बल आसमान से मिलकर कई बार इस तरह की चीजों का निर्माण कर सकता है।

5. सभी नदियों का उद्गम स्थान - कैलाश पर्वत की 4 दिशाओं से 4 नदियों का उद्गम हुआ है- ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलुज व करनाली। इन नदियों से ही गंगा, सरस्वती सहित चीन की अन्य नदियां भी निकली हैं। कैलाश की चारों दिशाओं में विभिन्न जानवरों के मुख हैं जिसमें से नदियों का उद्गम होता है। पूर्व में अश्वमुख है, पश्चिम में हाथी का मुख है, उत्तर में सिंह का मुख है, दक्षिण में मोर का मुख है।

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