सिनेमा के साथ शाहरुख के सुपरहिट सफर में कहना मुश्किल है नाकामी और निराशा का भाव पैदा किस मोड़ से होता है, लेकिन जो भी हुआ है, वो पिछले 1 दशक के सफर में ही हुआ है। साल 2010 में आई फिल्म माय नेम इज खान जिसनें कमाई के मामले में कई रिकॉर्ड को तोड़ा और कुल कमाई 80 करोड़ रूपए की हुई। एक दशक पहले जब बॉलीवुड में 100 करोड़ क्लब की शुरुआत हुई, तब शाहरुख की ये फिल्म दुनिया भर के बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रही थी। देश में इसका कलेक्शन भले ही 100 करोड़ से कम रहा, लेकिन दुनिया भर में फिल्म की सराहना और शाहरुख को बेस्ट एक्टिंग के तमाम अवार्ड्स मिले।
रा-वन की आलोचना भी लेकिन तारीफ भी
शाहरुख खान के सफलता की शुरुआत रुकी नहीं, साल 2010 के बाद साल 2011 में आई फिल्म ‘रा-वन’ ने तो शाहरुख खान की पिछली फिल्म का ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस फिल्म की कुल कमाई हुई 115 करोड़ रुपए। 2011 में आई ये फिल्म न सिर्फ कमाई के 100 करोड़ क्लब में शामिल हुई, बल्कि तकनीक और विजुअल इफेक्ट के लिहाज से भी उम्दा मानी गई। हालांकि फिल्म की तमाम चर्चाओं के बीच शाहरुख की ये फिल्म कहानी को लेकर कमजोर करार दी गई। शाहरुख इसे लेकर बहुत निराश नहीं दिखे
जब तक है जान ने फूंकी जान
फिर आया साल 2012 जब शाहरुख खान की फिल्म आई ‘जब तक है जान’। इस फिल्म में कमाई के मामले में 120 करोड़ रुपए तक पहुंची। कुछ नया करने की कोशिश में शाहरुख यश चोपड़ा जैसे डाइरेक्टर के साथ आए, जिनके कैम्प से डर और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे जैसी फिल्में शाहरुख को सुपरस्टार बनाने में बड़ी भूमिका निभा चुकी थी। शाहरुख खान के करियर में एक से एक मोड़ आए लेकिन पलटी तो असल में साल 2010 से ही आई जब फिल्में 100 करोड़ी कल्ब में शामिल होने लगी।
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