साल 1965 का भारत पाक युद्ध किसको याद नहीं होगा यह देश के लिए सबसे मुश्किल समय था जब एक और भारतीय सेना पाकिस्तान से लोहा ले रही थी और दूसरी तरफ भारत की आर्थिक स्थिति काफ़ी ज्यादा ख़राब थी l उस समय भारत में सिर्फ कुछ ही लोग थे जिनके पास काफ़ी ज्यादा धन दौलत थी l भारत को उस समय देश की रक्षा के लिए काफ़ी सारे धन की जरुरत थी l
उस समय भारत के प्रधानमंत्री थे लाल बहादुर शास्त्री जो की काफ़ी ज्यादा निडर प्रधानमंत्री थे l देश की रक्षा को धयान में रखते हुए शास्त्री जी ने देश के सभी धनवान लोगों को राष्ट्रीय रक्षा कोष में कुछ राशि जमा करने को कहा l बहुत से लोगों ने राशि जमा भी करवाई लेकिन एक ऐसा भी शख्श था जिसने शास्त्री जी को कहा की वह देश को 5000 टन सोना दान में देंगे l
वह व्यक्ति कोई और नहीं वल्कि हैदराबाद के निज़ाम मीर उस्मान अली ही थे जिन्होंने उस समय भारत की सबसे ज्यादा मदद की और अपने वादे को पूरा किया l शास्त्री जी को भी पता था की हैदराबाद के उस्मान अली उन्हें खाली हाथ नहीं लौटाएंगे इसलिए उन्होंने उस्मान अली से मदद की पेशकश की थी l
ऐसा करने के बाद निज़ाम मीर उस्मान अली ने यह साबित कर दिया की वह एक नेकदिल नवाब है जो की अपने देश के लिए कुछ भी करने को तैयार थे l उनके इस दान को भारतीय इतिहास में सबसे बड़ा दान माना जाता है l
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