इस व्यक्ति ने हिंदू धर्म छोड़ खुद तैयार किया नया धर्म, आज उसी धर्म को मानते है 50 करोड़ लोग


दोस्तों आज तक आपने इतिहास मे बहुत से ऐसे लोगो के बारे मे सुना होगा जिन्होंने दुनिया को कुछ नया करने की सीख दी और दुनिया को सचाई और अहिंसा के मार्ग की और चलने पर मजबूर किया l आज हम बात करने जा रहे है एक ऐसे शख्स के बारे मे जो की काफ़ी ज्यादा महान थे और जिन्होंने ने हिंदू राजा के घर पर जन्म लिया था l


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सिद्धार्थ गौतम का जन्म 563 ईसा पूर्व के समय कपिलवस्तु के निकट लुम्बिनी नेपाल में हुआ था l कपिलवस्तु की महारानी महामाया देवी के अपने देवदह जाते हुए रास्ते में प्रसव पीड़ा हुई जिसमे एक बालक का जन्म हुआ था l गौतम गौत्र में जन्म लेने के कारण वे सिद्धार्थ गौतम कहलाये l इनके पिता शुदोधन एक राजा थे और इनकी माता माया देवी कोली वंश की महिला थी लेकिन बालक के जन्म देने के बाद 7 दिन के अंदर माया देवी की मृत्यु हो गयी थी l


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जिसके बाद इनका लालन-पालन इनकी मौसी और राजा की दूसरी पत्नी रानी गौतमी ने किया और इस बालक का नाम सिद्धार्थ रख दिया गया l इस नाम का मतलब होता हैं जो सिद्धि प्राप्ति के लिये जन्मा हो लेकिन इनको बाद में सिद्धि मिली थी l सिद्धार्थ बचपन से बहुत की दयालु और करुणा वाले व्यक्ति थे l सिद्धार्थ ने बचपन मे ही धार्मिक और शास्त्र विद्या मे काफ़ी निपुणता हासिल कर ली थी l मात्र 16 साल की उम्र मे सिद्धार्थ की शादी रानी यशोधरा से हो गयी थी जिनसे इनको एक पुत्र प्राप्त हुआ था l सिद्धार्थ के मन मे दुनिया की मोह माया को छोड़ने का विचार आया और इसी लिए उन्होंने अपना राज पाठ छोड़कर जंगलो मे जाना बेहतर समझा l


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इसके बाद सिद्धार्थ ने जंगलो मे जाकर तपस्या करनी शुरू कर दी और छह साल तक तपस्या करने के बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी l इसके बाद से ही उनका नाम गौतम बुद्ध हुआ l इसके बाद उन्होंने दुनिया मे शांति का संदेश देना शुरू किया और एक नए धर्म की स्थापना की जिसका नाम था बुद्ध धर्म l


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देखते ही देखते यह धर्म इतना ज्यादा प्रचलित हो गया की दुनिया के बहुत सारे लोग इसको मानने लगे और बुद्ध धर्म की शिक्षा का पालन करने लगे l आज के समय मे इस धर्म को मानने वाले कुल लोग 50 करोड़ से भी ज्यादा है l


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