पहरेदार पिया की, एक साहसी महिला की अनोखी कहानी

तेजस्वी प्रकाश द्वारा अभिनीत दीया कोई आम किरदार नहीं है। 'पहरेदार पिया की' को आम कहानी नहीं है, बल्कि यह भारतीय टेलीविजन पर पहले कभी नहीं देखी गई अनूठी कहानी में एक सशक्त महिला का अनोखा और अनजाना चित्रण है। पारंपरिक रूप से, हमने पुरुषों को एक संरक्षक के रूप में देखा है, लेकिन पहली बार एक महिला (दीया) अपने पति (रतन) की संरक्षक के रूप में दिखाई जाएगी।

यह दीया और खुद को खोजने के उसके सफर की कहानी है। अपने मरते हुए व्यक्ति (मान सिंह), जिसने उसे दूसरा जीवन दिया था, के निवेदन को पूरा करने के लिए, दीया अपनी इच्छा उनके बेटे से शादी कर उसकी संरक्षक बनने की जिम्मेदारी स्वीकार करती है। मान चाहते थे कि उनके मरने से पहले दीया और रतन शादी कर लें, लेकिन उन्होंने सज्जन (दीया के पिता) से यह भी निवेदन किया कि रतन के 21 साल के होते ही कानूनी रूप से उनकी शादी करवा दी जाए। मान सिंह ने यह कदम उठाने का निवेदन इसलिए किया क्योंकि उनका भरोसा है कि शादी में बने रिश्ते को तोड़ा नहीं जा सकता और इस बंधन के साथ ही, दीया पूरे अधिकार से रतन की पहरेदार बन सकती है।

दीया के नया घर, केसर महल में उसका स्वागत परिवार के सदस्यों की नफरत और गुस्से से किया जाएगा। इस नवविवाहित जोड़े के लिए की जाने वाली सभी रस्मों का लक्ष्य दीया को प्रताड़ित करना होगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वह अपना वादा तोड़ दे। 

क्या दीया अपना वादा तोड़ देगी? क्या वह रतन के परिवार का हिस्सा बन पाएगी और खतरों से उसकी सुरक्षा कर पाएगी? 


जानने के लिए देखें, 'पहरेदार पिया की' रात 8:30 बजे केवल सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर



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